बड़ प्यार से माँ ने फिर मेरा सिर सहलाया देख रही थी मैं सपना उन्होंने फिर समझाया।। बड़ प्यार से माँ ने फिर मेरा सिर सहलाया देख रही थी मैं सपना उन्होंने फिर समझ...
सद्बुद्धि पा बदल सको तुम, पर हम यही प्रार्थना करते। सद्बुद्धि पा बदल सको तुम, पर हम यही प्रार्थना करते।
रुक रुक कर ये प्यासी आँखें, देख रही हैं किसकी राहें। बींधे मन के दुख से निकली, रुक रुक कर ये प्यासी आँखें, देख रही हैं किसकी राहें। बींधे मन के दुख से निकली,
सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए। सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए।
पर हिम्मत ना होती डर लगता कहीं बदल ना जाए जिंदगी। पर हिम्मत ना होती डर लगता कहीं बदल ना जाए जिंदगी।
मंजिल भी मिलेगी और खुशियों के अनगिनत का उपहार दे जायेगा। मंजिल भी मिलेगी और खुशियों के अनगिनत का उपहार दे जायेगा।